Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग-25 ( Gang-Bang ~खूनी ग्राउंड )

Chapter-9: Gang- Bang ~ खूनी ग्राउंड

भाग -1

"वरुण वो देख... वो रहा साला.. हारामी... पकड़-पकड़ साले को...."मुझे देखकर बाइक स्टॅंड पर बैठे एक भारी भरकम शरीर वाले ने मेरी तरफ इशारा किया और जोर से चीखा...

"अरमान...."

इस नाम ने दो दिन से  वहाँ बाइक स्टॅंड पर बैठे सभी लोगो की ज़िंदगी मे खलबली मचा कर रखी थी....उन सबको ये हजम नही हो रहा था कि कल का आया हुआ लौंडा उनकी छमियो के साथ ऐसा बर्ताव करे.....वरुण अपने बाइक पर टेक दिए किसी शहंशाह  की तरह बैठा हुआ था, लेकिन उस वक़्त उसे ये नही मालूम था कि आज उसकी शहंशाह  की गद्दी ज़मीन मे गिराने का मेरा इरादा था.....

"Arun, here.. Come with me.. Man. वो देख...." तेज आवाज़ मे उनकी तरफ देख कर मै चीखा " वो देख अपने कॉलेज का सबसे गधा लड़का... साला, हाथी... कुत्ते का बच्चा...  भैंसा.. साले को देख के ही घिन आती है.. वो विभा वेश्या कैसे इससे पट गई.... और उसके टुच्चे दोस्तों को देख... हाहाहा... अबे, सूअर के पिल्लो... जाकर पढ़ाई करो ,वरना इस साल भी फेल हो जाओगे....."


मेरे इतना बोलने के बाद अरुण भी कहा पीछे रहने वाला था... वो भी जोश - जोश मे बोल पड़ा

"वरुण, साले तुझसे बड़ा गधा मैने अपनी पूरी ज़िंदगी मे नही देखा, साले तुझे शरम नही आती क्या जो 7 साल से फेल होता आ रहा है, मतलब नजर कैसे मिला लेता है तू लोगो से...? मै तेरी जगह रहता ना तो गोबर खाकर मर गया होता... तेरे पास अब भी वक़्त है... गोबर खाकर मर जा..."

"ये सब मुझसे बोल रहा है क्या..."वरुण एक झटके मे खड़ा हो गया, उसे मानो यकीन ना हुआ हो की... हम दोनों ये उससे और उसके दोस्तों से कह रहे है... पर इसमें उसकी गलती नही है... उसकी जगह यदि मै भी होता तो मै भी यही सोचता.


और मैं ये भी जानता था कि अब यदि उसने मुझे धर लिया तो ज़िंदा नही छोड़ेगा..लेकिन मैं क्या करता रिस्क तो लेना ही था क्यूंकी ये सब हमारे प्लान का हिस्सा था और वैसे भी एमरान हाशमी ने कहा है कि जो रिस्क नही लेता उसका सबकुछ रिस्की हो जाता है.....

" वरुण ,तू एक बात बता ,तू हर साल फेल  हो जाता है तो तेरे घरवाले तुझे गालियाँ नही देते क्या, साले तेरी शादी के लिए जब लड़की वाले आएँगे तब तू क्या बोलेगा कि तूने 8 साल इंजीनियरिंग  की लेकिन फिर भी इज़ीनियरिंग. कंप्लीट नही कर पाया.... मतलब फुल बेइज्जती वाली बात है  ये तो... तू बड़ा मंद बुध्दि है की... साला पर्यावरण जैसे विषय तक मे फेल हुआ...?🤣  मतलब हद है बे,  उस सब्जेक्ट मे तो अगर मैं दाए की बजाए बाए हाथ से भी लिखता तो पास हो जाता...."जब वरुण और उसके दोस्त ने कुछ भी नही किया तो आगे उकसाते हुए अरुण ने फिर कहा


अरुण लगातार वरुण के सर पर डंडे मारे जा रहा था और उसका असर भी वरुण पर होने लगा था , जिसके थोड़ी देर बाद  वो गुस्से से अपने दोस्तों के साथ हमारी तरफ भागा और वहाँ मैं और उसके ऐसा करते ही हम भी वहा से भाग दिए ...मैं और अरुण आगे और वरुण और उसके दोस्त पीछे थे,... यही तो हमारा प्लान था. उन्हें गाली देकर भाग जाना 😜

"यार अरुण....  यदि , सिदार भाई वाला प्लान काम नही किया तो..."दौड़ते हुए मैने अरुण से अपनी शंका जाहिर की

"अबे डरा मत, तेरे चक्कर मे आके मैने भी वरुण को इतनी गालियाँ दे दी है कि, अब वो मुझे भी ज़िंदा नही छोड़ेगा...."

"चल फिर  और तेज भाग ,वरना ये साले पकड़ लेंगे...."
भागते-भागते मैं और अरुण ठीक उसी ग्राउंड पर पहुचे जहाँ कुछ दिनो पहले मेरी इज़्ज़त और खाल दोनों  उतारी गयी थी....वहाँ ग्राउंड पर  बीचो -बीच पहुच कर हम दोनो अचानक रुक गये.....


"ला तो बे, बैट देना...आज इसकी सारी चर्बी उतार देता हूँ, अपने बाप  से पंगा लेगा.... थका दिया इन दोनों ने..."हाफ्ते हुए वरुण ने अपने दोस्त से कहा

"सब मेरे पैर पकड़ कर माफी माँग लो, वरना ऐसी पेलाइ होगी कि महीनो हिलाने तक के काबिल नही रहोगे....."मैने उन्हें वार्निंग दी... Afterall  श्री कृष्ण जी का भक्त हूँ.. अंतिम सांस तक मौका दूंगा, अपोजीशन वालों को सुधरने का... बाकी सुदर्शन चक्र तो है ही अपने पास.  पर उन सबने मेरा ये ऑफर ठुकरा दिया और सबसे पहले वरुण आगे बढ़ा


लेकिन तभी वहा अचानक... ग्राउंड के चारो ओर लगे झाडियों से, सामने सडक से.. इधर -उधर .. आगे -पीछे लगे सभी पेड़ की तरफ से  हॉस्टल के लड़के चिल्लाते हुए, शोर मचाते हुए... वरुण और उसके दोस्तों की माँ -बहन को याद करते हुए वहा प्रकट हुए... जिन्हे सिदार लीड कर रहा था, जो खुद हॉकी स्टिक लिए... मुँह मे सिगरेट फ़साये... उनकी तरफ बढ़ रहा था...

वहा अचानक इतने सारे हॉस्टलर्स को देख एक पल के लिए ऐसा लगा मानो यही कुरुक्षेत्र है और सिदार के रूप मे सात्यकी, नारायणी सेना को लेकर वहा अचानक प्रकट हो गया है. चारो तरफ से हॉस्टल वालों से खुद को घिरा हुआ  पाकर वरुण और उसके दोस्त की हालत खराब हो गयी....मेरी तरफ बढ़ते हुए वरुण के कदम वही रुक गये और वो कभी मेरी तरफ देखता तो कभी सिदार की तरफ तो कभी हॉस्टल  के लड़को की तरफ..... वरुण के दोस्तों मे से एक ने तो वही पैंट मे मूत दिया... सच मे. मतलब इस लेवल का खौफ था.. हमारे हॉस्टल का.


"तुझे बोला था ना, अपनी औकात मे रहना...."सिदार ने आते ही एक लात सीधे वरुण के पेट मे मारी.....

"अह्ह्ह... सिदारररर....., ये तेरा मामला नही है..."

"क्या समझाया था मैने तुझे लास्ट ईयर...? हम्म... की... हॉस्टल  वालो को हाथ तक मत लगा देना, क्या...? की.. हॉस्टल वालों को हाथ तक मत लगाना... लेकिन तुझे मज़ाक लग रहा था और तू नही माना...."

"अबे ओये सिदार ....आज इतने सारे लौन्डे तेरे साथ है इसीलिए उचक रहा है....भूल मत मैं तेरा सूपर सीनियर हूँ... मेरे सामने तू इस कॉलेज मे आया, बड़ा हुआ.. ."

"तू साला भैंसा.... बोलता बहुत है....."ना जाने अरुण को अचानक क्या हुआ और उसने ताव -ताव मे दौड़कर  एक थप्पड़ वरुण के गाल पर धर दिया और बोला "उस दिन बाइक सस्टैंड  का हिसाब चुकता हुआ..."

"अबे देख क्या रहे हो, मारो सालो को..."वरुण ने वहाँ मौजूद अपने दोस्तो से कहा....


वरुण और उसके दोस्त हमसे भीड़ पड़े, लेकिन हम उनसे कई  गुना ज़्यादा थे इसलिए चन्द मिनट मे ही हमने उन सबको बुरी तरह मारा, लात से, हाथ से उन सबको फूटबाल की तरह धोया और कुछ देर मे ही वरुण और उसके दोस्त ज़मीन पर लेटे कराह रहे थे...... दया की भीख मांग रहे थे.


"क्या हाल है गधे..."जहाँ वरुण लेटा हुआ था, उसके पास जाकर मैने कहा और पूरी ताक़त के साथ एक झापड़ उसके गाल पर दे मारा....साला क्या पॉवर थी, उसके गाल पर खून जम गया....और उसका फेस रंग बिरंगा हो गया, एक तरफ का गाल सफेद तो दूसरी तरफ का एक दम लाल......

"चल पुश अप कर...."आराम से वहाँ बैठकर मैने वरुण से कहा.....

"I  cant "रोते हुए उसने कहा....

"जुबान... जुबान.... हम्म्म्म "अपने जूते से उसके लाल हुए गाल को रागढ़ते हुए मै बोला और एक लात उसके थोबड़े पर मारा... इसके बाद पता नही उसका क्या कटा, या क्या फटा... पर उसके मुँह से, या फिर चेहरे से खून जरूर निकला था...
आज भी वही होने वाला था जो कुछ दिन पहले इसी ग्राउंड पर हुआ था ,लेकिन फरक सिर्फ़ इतना था कि आज ग्राउंड पर मेरी जगह मुझे लिटाने वाला लेटा हुआ था और उसके उपर कूदने की बारी अब मेरी थी....और यदि टेक्निकल लॅंग्वेज मे बोला जाए तो इसे "थियरी ऑफ रेलेटिविटी और फ्रेम ऑफ रेफरेन्स "भी कह सकते है.


"सॉरी...."ज़मीन मे अपना चेहरा छीपाये वरुण गिगीयाया... उस दिन मेरी  तरह ही आज उसके मुँह से खून निकल रहा था...उस दिन मेरी  तरह ही आज उसका शरीर वहाँ की धूल मे सना हुआ था....

"रुक क्यूँ गये सब पेलो सबको...आख़िर frame of refrence  का प्रिन्सिपल जो प्रूव करना है...."

"तुझे छोड़ूँगा नही..."

"सॉरी वरुण सर, आप फिज़िक्स के खिलाफ नही जा सकते.... Frame of refrence के अनुसार object बदल चुका है, इसलिए मार तो आपको ही खाना पड़ेगा "और लात उसके थोबड़े मे जड़ कर मैने कहा.. और जो सुकून मिला उस वक़्त... मतलब क्या बताऊ... ऐसा लगा मानो.. शीतल दूध से स्वर्ग की अप्सराये नग्न अवस्था मे मुझे नहला रही हो... मतलब उस लेवल की ख़ुशी...

"मैं चलता हूँ, नेक्स्ट क्लास अटेंड करनी है..."सिदार भाई ने अपनी घड़ी मे देखते हुए कहा और अपने कपड़े को ठीक किया...

"पर अभी तो रिसेस ख़तम होने मे बहुत टाइम है...."

"Hod ने आज पहले बुलाया है, मैं चलता हूँ , तुम लोग ऐश करो...."इतना कहकर सिदार वहाँ से चला गया....

"भैंसे...  तू  रुक क्यूँ गया , पुश अप कर..."पिछवाड़े पर एक ज़ोर की लात मारकर मैने वरुण से कहा, और मेरी देखा सीखी मे बाकियो के भी पिछवाड़े पर लात पड़ी..... सबको पुश अप करने का फरमान था.

"बस , अब और नही...."हान्फते हुए वरुण बोला....


वरुण के दोस्त तो कब के सरेंडर कर चुके थे और उन सबका मार खा - खा के बुरा हाल भी था, उन सबकी हालत देख कर मन मे आया भी  की छोड़ दूं, लेकिन तभी अरुण मेरे पास आया और मेरे कान मे कुछ ऐसा कहा ,जिसे सुनकर मैं फ़ौरन वरुण के पास पहुचा....

To Be Continued.....😎
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6 Comments

Sana Khan

01-Dec-2021 02:07 PM

Good

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Barsha🖤👑

26-Nov-2021 05:30 PM

बहुत खुबसूरत भाग

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Sana khan

28-Aug-2021 04:06 PM

Wow

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